Sunday, November 9

तुलसी और लाभ


तुलसी भारत पूजे जाने वाली औषधि है। इसका पौधा घर-घर में आसानी से मिल जाता है। तुलसी की लगभग ६० जातियाँ होती हैं।
रासायनिक गुण- तुलसी में किनोल एवं एल्केलाइड पाए जाते हैं। जिसका औषधीय उपयोग है।
रोग एवं उपचार-
१। उदर रोग- तुलसी एवं अदरक का रस समान मात्रा में मिलाकर खाने से पेट दर्द में आराम मिलता है।
२। तुलसी और काली मिर्च का काडा पीने से बुखार का नाश होता है।
३। तुलसी के पत्तों का रस कान में डालने से कान दर्द में आराम मिलता है।
४। तुलसी और शहद मिलाकर आँखों में डालने से आँखें स्वस्थ रहती हैं।
५। तुसली,भृंग राज के पत्तों का रस और आवला पीसकर मिला लें, इस दवा को बालों में लगाने से बाल झाड़ना बंद हो जाते हैं व काले रहते हैं।
६। तुलसी के बीजों का चूर्ण व अशोक के पत्ते का रस बराबर मात्रा में मिलाकर सेवन करने से रक्त प्रदर ठेक होता है।
७। तुलसी पत्र व काली मिर्च का शुद्ध घी के साथ सेवन करें वात रोग ठीक होता है।
८। ११ पत्ते तुलसी व ११ काली मिर्च मिलाकर खाने से सर दर्द ठीक होता है।
९। तुसली एवं नीम के पत्ते मिलाकर खायें खाज रोग ठीक होगा।
१०। तुलसी और निम्बू का रस बराबर मात्रा में लगाने से मुहांसे ठीक हो जाते हैं।
११। तुलसी और पीपल के पत्ते लगाने से बालतोड़ ठीक होता है।
१२। तुलसी और गिलोय पीसकर मिश्री के साथ खाने से रक्त विकार दूर होता है।
१३। तुलसी के ३ से ५ पत्ते खाने से मुह में दुर्गन्ध नहीं होती।
१४। तुलसी और गो घी मिलाकर पिलाने से जहर उतर जाता है।

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